Showing posts with label Trendy Baba. Show all posts
Showing posts with label Trendy Baba. Show all posts

Wednesday, August 6, 2014

कार्टूनिस्ट प्राण जी को पीढ़ियों के बचपन की काव्य श्रद्धांजलि - मोहित शर्मा (ज़हन)



जिस राह कोई चला नहीं,
उस पर कदम बढ़ाये,
आम लोगो के बीच से ख़ास किरदार उठाये,
फैंटम-मैंड्रेक और फैंटसी की लथ छुड़वाई,
कितनी ही किवदंती याद करवाई,
जाने कैसे सहजता से कथाओं में अपना देसीपन भर लाये। 

दशको तक चाचा क्या पिंकी ऊँगली पकड़ चलाये,
भाषा की बंदिश को तोडा,
तरह-तरह बंदो को जोड़ा,
झूठी मिथको को झकझोरा,
बूढे, बच्चो और गृहणियों को पकड़ सुपरहीरो से करतब करवायें। 

आपका उदाहरण दें विस्मित किशोर आज तक कला में भविष्य बनायें,
मनोरंजन से जनचेतना की पूरी हुयी उनकी आशा,
ढाई साल के बच्चे से लेकर अर्द्धचेतन अधेड़ तक समझे उनकी भाषा। 
अरसो यूँ गुदगुदा कर आँखें नम करवायें,
लाखो चित्र, करोड़ों प्रशंषक,
आसमान को देखें एकटक,
चाचा जी के पापा को वापस बुलायें,
ताकि फिर से वो अपना एक स्वप्निल जगत बनाये,
और फिर से कितनी पीढ़ियों के बचपन में प्राण फूँक जायें। 

आज हमारे बीच प्रख्यात कलाकार, कथाकार, कार्टूनिस्ट और जनसेवक श्री प्राण कुमार शर्मा जी नहीं रहे। अनेको देसी-विदेशी सम्मानों (जिनमे प्रमुख है इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्टस द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट (2001), कॉमिक कॉन इंडिया का लाइफ टाइम अचीवमेंट, लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के पीपल ऑफ़ दी ईयर सूची में सम्मिलित (1995), उनकी कॉमिक 'हम एक है' (रमन) का तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा राष्ट्रीय विमोचन (1983), अमेरिका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी कला का स्थाई प्रदर्शन) के अलावा उनकी सबसे बढ़ी उपलब्धि है 1960 के दशक से लेकर अब तक कई पीढ़ियों पर एक सकारात्मक असर डालना और मुझे विश्वास है आगे भी उनका अमर काम ऐसा करता रहेगा। रोज़मर्रा के जीवन से ऐसे किरदार उठा लाये जिन्होंने आयातित विदेशी मनोरंजन के बाज़ार मे एक बड़ा हिस्सा ले लिया। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके काम से यूँ ही लोग प्रेरित होते रहे। प्राण जी को मेरा शत-शत नमन!

- मोहित शर्मा (ज़हन)

Sunday, May 5, 2013

एक नज़र, फेनिल कॉमिक्स का अब तक का सफ़र

2011 में अस्तित्व मे आयी फेनिल कॉमिक्स, भारतीय कॉमिक्स के एक बहुत बड़े प्रशंषक और सूरत, गुजरात के व्यवसायी श्री फेनिल शेरडीवाला के निरंतर प्रयासों की देन है। फेनिल कॉमिक्स 2012 कॉमिक कॉन में भाग लेकर पाठको को अपनी प्रतिबद्धता भी दिखायी। हालाँकि, अभी तक फेनिल कॉमिक्स की 4 कॉमिक्स बाज़ार मे उपलब्ध है पर जल्द ही इनका अगला सेट प्रकाशित हो रहा है साथ ही फेनिल कॉमिक्स द्वारा कुछ ऑनलाइन कॉमिक्स समय-समय पर आ रही है।

जासूस बलराम "दस का दम" से फेनिल कॉमिक्स नए लेखकों एवं कलाकारों को मौके देने का बीड़ा उठाया है जिसकी पहली कॉमिक 'नादान' (जासूस बलराम के सर्वश्रेष्ठ कारनामे - 1) अप्रैल 2013 मे प्रकाशित की गयी।  ऑनलाइन कॉमिक्स मे फ्रीलांस टेलेंटस ग्रुप के साथ मिलकर फेनिल कॉमिक्स मे अब तक 3 काव्य कॉमिक्स भी आयी है जिनमे कहानी की जगह कविताओं के साथ कला का समागम कर कॉमिक्स बनायीं गयी है। वैसे फेनिल जी ने लगभग 3 दर्जन किरदारों और सीरिज़ सोच रखी है पर निकट भविष्य में आगामी कॉमिक्स मुख्यतः फौलाद, ओम, बजरंगी, क्राइमफाइटर और स्टंटगर्ल की होंगी।

कॉमिक्स के अलावा इनका अगला पड़ाव एक ऐसी कंपनी का निर्माण है जो अलग-अलग मनोरंजन के साधनों पर आना है जिसके तहत जासूस बलराम के टी.वी. सीरीयल और फौलाद के एनीमेशन पर कार्य जारी है। वैसे अभी मुख्यधारा के स्तर के हिसाब से फेनिल कॉमिक्स को चित्रांकन और कहानियों में काफी मेहनत करनी है, यह भी सलाह दूंगा कि एक समय मे सीमित प्रबंधन कि वजह से कम काम उठाना चाहिये। पर अभी तक प्रयास संतोषजनक रहे है और आगे बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है।



मेरी शुभकामनायें फेनिल कॉमिक्स के साथ है। 

Monday, December 3, 2012

पवित्र गाय मनोरंजन! (Holy Cow Entertainment)


होली काऊ इंटरटेनमेंट, 2011 मे इस कंपनी का  नाम सुना और पता चला इस प्रकाशन के संस्थापक खुद एक नामी कलाकार श्री विवेक गोयल है। हालाँकि, ख़बरें तो 2010 से ही आने लगी थी पर पहले इतने प्रकाशनों का नाम सुनकर आगे काफी समय तक कोई अपडेट न आने पर निराशा होती थी इसलिए कुछ ऐसा सुनने पर अधिक उम्मीद नहीं रखी। पहले विवेक जी से शुरू करता  हूँ, 31 वर्षीय विवेक जी (वैसे अब अगले ही महीने उनका जन्मदिन आ रहा है) के पास कई राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय कॉमिक प्रकाशनों और कंपनियों मे काम करने का अनुभव है जिनमे प्रमुख है - लेवल 10, राज कॉमिक्स, मूनस्टोन बुक्स, कॉमिक्स इंडिया और अब होली काऊ। साथ ही  उन्होंने अपना शुरुआती पेशेवर दौर स्टार प्लस, कुछ विज्ञापन एजेन्सियों के साथ भी बिताया। 2008 मे जब ये राज कॉमिक्स के लिये काम कर रहे थे तब भी इनपर,  तब के कामो पर ज़ोर देते हुए एक ब्लॉग राज कॉमिक्स की साईट और फ़ोरम्स पर  लिखा था।

कॉमिक्स एक असेम्बली लाइन पद्धति के तहत एक परिकल्पना से होती हुई कहानी-पटकथा-चित्र-स्याही-रंग-शब्द, आदि   सबके साथ लगकर एक पूरा प्रोडक्ट बनती है। अब भरत नेगी जी, अनुपम सिन्हा जी जैसे कलाकार ये सारा काम स्वयं निपटा सकते है जबकि समय की कमी, आदि की वजह से अक्सर इस पद्धति मे क्रमवार कई लोग शामिल रहते है। कई बार चित्रकार, लेखक की शेली, सोच और बहुत सी बातें मेल नहीं खाती जिस वजह से रचनात्मक घर्षण और टकराव होता है। यही प्रमुख वजह थी होली काऊ के अस्तित्व मे आने का। इन बातों पर फिर कभी प्रकाश डालेंगे अभी तो मै  इस पवित्र गाय से इतना भौचक हूँ कि आज इसपर ही लिखता हूँ।  किसी कलाकार द्वारा कॉमिक प्रकाशन खोलना भारत के हिसाब से नयी बात है जिसके लिए मै  विवेक गोयल की तारीफ़ करता हूँ।

होली काऊ की पहली कॉमिक वेयरहाउस मई 2011 मे प्रकाशित हुई जिसमे 3 अलग कहानियाँ थी।  फिर बहुचर्चित 7 कॉमिक्स वाली रावाणयन सीरीज़ आई जिसमे कुछ नए दृष्टिकोणों से रामायण की महागाथा को दिखाया गया। जिसको काफी मीडिया कवरेज मिली. इस सीरीज़ के ख़त्म होने से पहले ही उनकी दूसरी मुख्य सीरीज़ अघोरी सितंबर 2012 से शुरू हुई और अक्टूबर मे ही उसका दूसरा भाग भी प्रकाशित हो चुका है। सीरीज़ का प्रमोशन एक छोटी मुफ्त कॉमिक  अघोरी (00) और यूट्यूब पर एक मोशन कॉमिक ट्रेलर से किया गया। साथ ही होली काऊ इंटरटेनमेंट लगातार भारतीय कॉमिक कोन और स्थानीय पुस्तक मेलो मे हिस्सा लेती रही है। इतने कम समय मे कॉमिक्स के लिए तत्कालीन भारत जैसे बाज़ार मे इतने अनुशासन के साथ लगातार अच्छी कॉमिक्स निकलना किसी अजूबे से कम नहीं। हालाँकि, अभी पेजों की संख्या, कॉमिक्स का दाम, कॉमिक्स मिलने के सीमित साधन जो अभी तक मुख्यतः ऑनलाइन है, कुछ बातें है जिनपर ध्यान दिया जाना चाहिए। इनसे जुड़े  प्रमुख कथाकार और कलाकार है - विजयेन्द्र मोहंती, राम वी, गौरव श्रीवास्तव, योगेश, श्वेता तनेजा, अंकुर आमरे। 

होली काऊ के आगामी आकर्षण है। मुझे लगता है ये प्रकाशन निकट भविष्य मे लोकप्रिय होगा।


*) - रावाणयन ( समापन भाग, विशेषांक)

*) - अघोरी (भाग 3) 


*) -  स्कल रोज़री (ग्राफ़िक नोवल)


*) - सेरेंगेटी स्ट्राइप्स सीरीज़ 


*) - देट मैन सोलोमन 


*) - प्रोज़ेक्ट शोकेस


Website: http://www.holycow.in/


Vivek Goel (Official Page): http://www.facebook.com/vivekart


Vivek & Ram (Mumbai Film and Comic Con, October 2012)

Monday, June 18, 2012

ट्रेंडी बाबा अपडेट्स






नमस्ते!
ट्रेंडी बाबा कौन है और इनकी कहानी क्या है ये कभी आराम से बताऊंगा आज तो कुछ अपडेट्स देने आया हूँ.... 84 Tears को मिले ज़बरदस्त रेस्पोंस के बाद मैंने कुछ और इंडीपेनडेंट कॉमिक्स और कहानियाँ प्रकाशित करने की ठानी. हालाकि, मुझे भी अंदाज़ा है की अगर मैंने 84 Tears (ई-बुक) को मुफ्त न रखा होता यह तो काफी कम लोगो तक पहुँचती (पेपरबेक का तो उन चेनल्स के हिसाब से मूल्य है जो ज्यादा नहीं बिकी..ही ही..). ये बात इसलिए कह रहा हूँ क्योकि के 84 Tears साथ मैंने "देसी-पन!" (Desi-Pun!) नाम का अपनी  इंग्लिश कहानियों का संग्रह भी प्रकाशित किया था जिसको 84 Tears से कम पाठक मिले. पर मै कम से कम अभी तो पैसो के लिए नहीं लिख रहा. 

कभी-कभी सवाल आता है की आप किसी बड़े प्रकाशन से क्यों नहीं जुड़ते. मै उनसे जुड़ा हूँ और गाहे-बगाहे कोई आईडिया या छोटी स्क्रिप्ट दे देता हूँ. पर उनके कुछ नियम है और उनके दिए कामो की डेडलाइनस होती है जो मै अपने जीवन के दूसरे कामो की वजह से फोलो नहीं कर सकता. साथ ही अभी तक जो काम मै अलग से कर रहा हूँ वो पूरी तरह कामर्शियल श्रेणी मे नहीं आते...उन्हें प्रकाशक एक्सपेरिमेंटल कहते है और सही भी है इसपर दांव लगाना एक जुआ ही कहा जायेगा. 



भारतीय परिदृश्य की कुछ सीमायें है जो मैंने समझी है और आगे अपने लेखन मे इन सीमाओं को ध्यान मे रखूँगा. हाँ, कुछ 84 Tears जैसे प्रोजेक्ट्स रहेंगे जिनमे मै चाहूँगा की वो ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचे और भाग्य से मै अभी ऐसे 2 प्रोजेक्ट्स "माँ का मोनोलोग" और "लोंग लिव इंकिलाब" (कॉमिक) पर काम कर रहा हूँ....और भी कुछ कांसेप्टस है मन मे, आगे कोशिश करूँगा की कुछ कॉमिक प्रकाशनों से परमानेंट जुड़ सकूँ. 

मेरी कॉमिक्स, ई-बुक्स और प्रकाशित लेख, कहानियों, कविताओं के लिए मैंने फेसबुक पर  Mohitness {मोहितपन}
नाम से अपना पेज बनाया है. 


Saturday, March 3, 2012

84 Tears (भोपाल गैस काण्ड और सिख विरोधी दंगे, 1984 पर आधारित काव्य कॉमिक)



जैसा की मैंने यहाँ बताया था की मै एक काव्य कॉमिक लिख रहा था, जो हाल ही मे प्रकाशित हुई. आर्टिस्ट रवि शंकर  के बनाये दृश्य अदभुत है. पहले तो मैंने उसका दाम रखा पर मेरा मन नहीं माना. मुझे लगा कई सामाजिक संदेश देती किताब, अनमोल है और वो अधिक से अधिक लोगो तक पहुँचनी चाहिए इसलिए मैं  84 Tears को ऑनलाइन मुफ्त प्रकाशित कर रहा हूँ. अभी ये Pothi Networks aur Myebook पर उपलब्ध है. जल्द ही कुछ और ऑनलाइन चेनल्स पर  प्रकाशित करूँगा.



निम्न वेब-लिंकस पर आपको मुफ्त पढने और Download करने को मिलेगी. अगर ये प्रयास अच्छा लगे या 84 Tears आपके दिल को छुए तो इसको ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाने मे मदद कीजिये.



मै आगे ऐसे और प्रयास करता रहूँगा. आप लोगो के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन की ज़रुरत है. मेरे रचनात्मक काम, किताबे, प्रकाशित लेखो, आदि के लिये फेसबुक पर यह पेज है. -

http://www.facebook.com/Mohitness

- Mohit Sharma (Trendy Baba / Trendster)