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Friday, August 28, 2009

अनुराग कश्यप और छः फिल्मी सितारे डोगा के रोल के लिये रेस में

क्या आपको पता है, डोगा के ऊपर बनने वाले सिनेमा जिसे अनुराग कश्यप डायरेक्ट कर रहे हैं, अनुराग कश्यप जी ने शुरूवात में छः फिल्मी सितारों में से किसी एक का चुनाव करने के बारे में सोचा.. मगर अंत में बात बनी कुनाल कपूर को लेकर.. कुनाल कपूर को लेकर अनुराग कश्यप इसलिये सहमत हुये क्योंकि वह अभी तक किसी भी ऐसे रोल में बंधे नहीं है जिसकी छवी डोगा के ऊपर हावी हो सके..

आज ही किसी साईट पर मैं पढ़ रहा था कि कुनाल इसके लिये आजकल अपना शरीर बनाने को लेकर खूब मेहनत भी किये जा रहे हैं.. दुर्भाग्य वश वह लिंक मुझसे खो गया और मैं उस खबर की लिंक यहां नहीं लगा पा रहा हूं..

अभी फिलहाल आप यह पांच उन फिल्मी सितारों का डोगा के ऊपर बना कार्टून देखें जिसे मैंने इस लिंक से लिया है.. आप इस लिंक पर जाकर इस बारे में कुछ मशालेदार खबर भी पढ़ सकते हैं..



शाहरूक खान डोगा के रूप में



सनी देओल डोगा के रूप में.. मुझे सबसे ज्यादा हंसी इस कार्टून को लेकर आयी, क्योंकि सनी देओल के पापा यानी धरम पा जी का ही एक डायलॉग बहुत प्रसिद्ध है, "कुत्ते-कमीने, मैं तुम्हारा खून पी जाऊंगा.." और डोगा को कुत्तों से बहुत प्यार जो है.. ;)



आमिर खान डोगा के रूप में.. वैसे आमिर खान का गजनी रूप भी बढ़िया लगा.. :D



अक्षय कुमार डोगा के रूप में.. ये बेचारे तो डोगा बन कर भी थम्स अप के पीछे ही भागते रहेंगे.. :D



अभिषेक बच्चन डोगा के रूप में.. और अभिषेक बच्चन का द्रोणावतार के बारे में आप क्या कहते हैं? :)


आज बहुत दिनों बाद इस ब्लौग पर लिखने बैठा हूं.. इस चिट्ठे को मैं लगभग भूल सा ही गया था, मगर पिछले दो-तीन दिनों से देखा कि इसके ट्रैफिक में अचानक से कुछ तेजी आई.. स्टैट काऊंटर पर जाकर पता किया तो पता चला यहां ढ़ेर सारे नये लोग राज-कामिक्स के साईट से आ रहे हैं.. उस लिंक पर जाने पर पता चला कि वहां मेरे इस ब्लौग के चर्चे हो रहे हैं जिसे मैंने लगभग चार महिनों से अपडेट भी नहीं किया है.. मगर अब से मेरी कोशिश यही रहेगी कि मैं लगातार इस पर भी अपने एक अन्य ब्लौग कि तरह ही बना रहूं..

अगर आप मेरे दूसरे बलौग को पढ़ना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर जा सकते हैं..

Wednesday, August 27, 2008

अनुराग कश्यप बनायेंगे डोगा पर फ़िल्म

इससे पहले कि मैं असल ख़बर पर आऊं, चाहूँगा कि दो लाइनें अपने और अपने पहले प्यार के बारे मे भी बता दूँ..
बचपन से ही कॉमिक्स का भूत मेरे सर चढ़ कर बोलता है और पढ़ पाने की उम्र से पहले ही रंगबिरंगे चित्रों से साजो कॉमिक बुक्स से मुझे प्यार हो गयाइंद्रजाल कॉमिक्स का शौकीन तो रहा मगर पढने लायक उम्र होने से पहले ही उनका प्रकाशन बंद हो गया (इसका मतलब ये नहीं कि इंद्रजाल पढ़ी नहीं, मामा जी के पास करीब ५०० इंद्रजाल कॉमिक्स थे और समय के साथ हमने हर कहानी कम से कम - बार ज़रूर पढ़ी है)। होश सँभालते ही चाचा चौधरी से परिचय हुआ और हर रविवार पापा जी से एक अमर चित्रकथा की रिश्वत लिए बिना रविवार की सुबह का नाश्ता गले के नीचे नहीं उतरता था
मैं शायद क्लास ४थी का विद्यार्थी था जब मेरा परिचय राज कॉमिक्स से हुआये किरदार और इनकी कहानियाँ मेरे पसंदीदा चाचा चौधरी से कहीं ज़्यादा complicated थेशुरू शुरू में मुझे ये इतने पसंद नहीं आए मगर एक वक्त के बाद नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव मेरे फेवरेट हो गए और इस तरह शुरू हुआ मेरा राज कॉमिक्स प्रेम का सफर

राज कॉमिक्स धीरे धीरे सफलता की और बढ़ रही थी और उनके प्रतिभाशाली लेखक और आर्टिस्ट्स की टीम नित नए सुपर-हीरोज़ गढ़ रही थीसाल जहाँ तक मुझे याद है १९९१ या ९२ रहा होगा जब राज कॉमिक्स ने हीरोज़ की नई तिकडी मैदान में एक साथ उतारी, ये हीरो थे डोगा, अश्वराज और गोजोतरुण कुमार वाही की कलम से निकले इन सभी महानायकों ने हम बच्चो की वाह-वाही लूटीगोजो ज़्यादा दिनों तक सफल नही रह सका हाँलाकि अश्वराज को आंशिक सफलता ज़रूर मिलीजो किरदार इन सबके साथ आया ज़रूर मगर बाद में लम्बी रेस का घोड़ा साबित हुआ वो था कुत्ते की शक्ल वाला ज़बरदस्त हीरो डोगा
डोगा की प्रथम कॉमिक कर्फ्यू, मुझे अच्छी तरह याद है सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक विडियो विलेन के सेट में रिलीज़ हुयी थी और सीमित पॉकेट मनी होने की वजह से मैं कभी क्रमशः (आधी कहानियों) वाली कॉमिक्स नहीं खरीदता था (कौन जाने अगला भाग कब रिलीज़ हो और क्या पता उसको खरीदने के पैसे जेब में हो हो)। कर्फ्यू एक ऐसी ही कहानी का पहला भाग थी सो दुविधा में पड़ते हुए हमने अपने Tried & Tested Superhero ध्रुव की कॉमिक पर ही पैसे लगना उचित समझाऔर बाद में जब हमें पता चला डोगा की कहानी एक या दो नही बल्कि तीन भागो में पूरी की जायेगी तो मैं मन ही मन अपने इस निर्णय पर खुश भी बहुत हुआ
खैर जब गर्मी की छुट्टियों में डोगा की तीनो कॉमिक्स कर्फ्यू , ये है डोगा और मैं हूँ डोगा पढ़ी तो बस पढ़ते ही चला गयातरुण कुमार वाही और संजय गुप्ता की कहानियों पर मनु की चित्रकारी हर तरह से अब तक की आई सभी भारतीय कॉमिक्स पर भारी पड़ती नज़र आईइसके बाद तो हम डोगा के अंधभक्त हो गए, बीच में जब कुछ कहानियों में मनु की जगह विनोद जी से चित्रकारी करवाई गई (चोर सिपाही और अन्य कहानियों में) तो मुझे बिल्कुल पसंद नही आया मगर मनु की डोगा पर अबकी जो वापसी हुयी वह कम से कम साल २००० तक बेरोक टोक चली
डोगा की कहानियाँ हमेशा एक हकीक़त और dark touch लिए होती थी और मनु के शानदार चित्र उन्हें और भी बेजोड़ बना देते थेभारतीय कॉमिक्स में इस तरह का एंटी हीरो मिलना नामुमकिन ही होगामैं डोगा की कोई भी कहानी कितनी भी बार पढ़ सकता हूँ बशर्ते वे तरुण जी की कलम और मनु की ब्रश के संगम से निकली होकई कहानियाँ तो अच्छी अच्छी फिल्मों को मात दे सकती हैं, भले ही कुछ कहानियों की प्रेरणा कुछ विदेशी कॉमिक्स से आई हो पर तरुण जी उनको हिन्दुस्तानी रंग देने में माहिर थे
इन कहानियों में सलीम जावेद के रचे एंग्री यंगमैन की जो फिल्मी छाप थी वह शायद ही किसी और किरदार की किसी कहानी में देखने को मिलेगी
जब मैंने गोथम कॉमिक्स में काम शुरू किया तो भारतीय कॉमिक्स बनाम विदेशी कॉमिक्स के वाद विवाद में डोगा और मनु की चित्रकारी मेरे लिए तुरुप के इक्के का काम करते रहे। (बाद में गोथम कॉमिक्स का नाम वर्जिन कॉमिक्स हो गया और मनु ने बंगलोर कर वर्जिन के लिए काम शुरू कर दिया , ये एक अलग कहानी है किसी अन्य पोस्ट में चर्चा करेंगे ; यदि आपने चाहा तो) ।
जब भी किसी ने मुझसे पूछा की किस एक इंडियन हीरो पर तुम फ़िल्म देखना/बनाना पसंद करोगे तो मेरा जवाब हमेशा डोगा ही रहा (ध्रुव की जगह कब डोगा ने ले ली पता भी नहीं चला)।
कुछ दिन पहले मैं फ़िल्म The Dark Knight देखने के बाद अपने मित्र सौमिन से बात कर रहा था कि डोगा पर भी एक डार्क और ज़बरदस्त फ़िल्म बन सकती है शायद वो रात मुरादोंवाली रात थीअगली सुबह ही समाचार मिला अनुराग कश्यप ने डोगा पर फ़िल्म बनाने कि घोषणा कि हैविस्तृत समाचार के लिए क्लिक करें यहाँ

अनुराग स्वयं बड़े कॉमिक प्रेमी हैं, उनसे मैं मुंबई स्थित लैंडमार्क के कॉमिक्स/ग्राफिक नॉवेल सेक्शन में कई बार टकराया हूँ और कॉमिक्स पर छोटी मोटी चर्चाएं भी की हैंएक बात तो तय है कि अनुराग के हाथों में डोगा सुरक्षित है और उनकी फिल्मों (ब्लैक फ्राईडे और नो स्मोकिंग) के डार्क ट्रीटमेंट को देखें तो लगता है डोगा के डार्क कथानक के साथ भी अनुराग सही न्याय कर पाएंगेबस एक ही बात है जो मुझे हज़म नहीं हो पा रही वो है डोगा के रोल के लिए कुनाल कपूर का चयनमुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है शायद कुनाल इस रोल के साथ न्याय कर पाएंखैर पसंद अपनी अपनी
आप सभी साथियों से मैं जानना चाहूँगा कि इस पर आपकी क्या राय है? आपको क्या लगता है? क्या आप मुझसे सहमत हैं? यदि हाँ तो वो कौन सा भारतीय फ़िल्म कलाकार है जो डोगा/सूरज के किरदारों के साथ सही न्याय कर पायेगा? और डोगा कि कहानी के बाकी किरदारों के लिए आपके पसंदीदा कलाकार कौन होंगे?
साथ ही हम चर्चा कर सकते हैं कि और कौन से वो भारतीय हीरोज़ हैं, जिनपर आप फिल्म देखना पसंद करेंगे?
इंद्रजाल के बहादुर (जिसकी रचना आबिद सुरती जी ने की थी और चित्र गोविन्द ब्राह्मनिया जी के होते थे) पर भी एक फिल्म की घोषणा हुयी थी मगर बात घोषणा से आगे बढती अब तक नज़र नहीं आई है

(तमाम कोशिशों के बाद भी मैं इस पोस्ट पर कोई चित्र अपलोड नहीं कर पा रहा, यदि किसी सहृदय सदस्य के पास मनु की बनाई डोगा की कुछ अच्छी तसवीरें हो, कृपया अपलोड करेंगे। धन्यवाद।)
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लिजिये, मैंने डोगा की एक तस्वीर अपलोड कर दी है.. मेरे पास डोगा कि शुरू की तीनों कामिक्स है.. मैं कोशिश करूंगा की जल्द से जल्द उसे इंटरनेट पर अपलोड करके यहां पोस्ट कर सकूं.. :)
धन्यवाद आलोक जी..