यहां चेन्नई में हर दिन Ergo नामक एक दैनिक छपता है जिसे ढेर सारे आई.टी. कम्पनी में मुफ्त में बांटा जाता है.. उसके दूसरे पन्ने पर सबसे नीचे का कोना कार्टून के लिये रखा गया है.. जिसके कार्टूनिस्ट हैं अरूण जी.. उनका अपना एक चिट्ठा भी है जिसपर वो अपने एक दिन पुराने कार्टूनों को छापते हैं.. उनके कुछ कार्टून क्लिप्स यहां है.. जिसे मैंने उनसे पूछ कर पोस्ट कर रहा हूं.. आप भी इसे देखिये और बताईये कि ये कैसे हैं.. उनके चिट्ठे पर जाने के लिये आप यहां क्लिक कर सकते हैं..
अगर आप उनके चिट्ठे पर जाते हैं तो यह याद रखें कि वो हिंदी नहीं जानते हैं.. और वैसे ही कमेंट्स करें.. :)
Sunday, October 12, 2008
Thursday, October 2, 2008
अफलातून का व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई
क्या इसे देखकर आपको कुछ याद आया? जी हां, यह इंद्रजाल कामिक्स के अंत में दिया जाने वाले कुछ कार्टून चरित्रों में से एक है.. मुझे इनका इतिहास कुछ भी पता नहीं है मगर यह जरूर याद है कि जब बहुत छोटा था तब गुणाकर के चित्रों को बड़े ध्यान से देखता था.. अफलातून के कार्टून्स उस समय मेरी समझ से बाहर कि बात हुआ करती थी.. अगर मेरे पाठकों में से किसी को कुछ पता हो इन चरित्रों के बारे में तो कुछ बताने का कष्ट करें..
धन्यवाद..
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