Wednesday, July 10, 2013

आपको ही नहीं, मुझे भी लुभाते हैं ये नकाबपोश

14 जून 2013 को नई दुनिया पत्रिका में प्रकाशित यह लेख आप लोगों के सामने जस का तस रख रख रहा हूँ.


4 comments:

  1. अच्छा लगा देख कर , प्रशांत यहाँ भी दखल रखते हैं !
    बधाई !

    ReplyDelete
  2. बहुत ही अच्छा लगा पढकर प्रशांत जी ।

    ReplyDelete
  3. हमने तो ये लेख नई दुनिया में ही पढ़ लिया था ! मैने सबसे ज्यादा वेताल(फैंटम) और मेंड्रेक को पढ़ा है. चाचा चौधरी जब आये तब मै कुछ बड़ी हो चुकी थी पर इसे भी खूब पढ़ा है.

    ReplyDelete