Sunday, February 14, 2010

वेलेंटाइन-दिवस पर अपनी कामिक्स वाली माशुकाओं की याद में...

.....एक पूरा अर्सा ही बीत गया था इस ब्लौग पर कुछ लिखे हुए। आज अचानक वेलेंटाइन-दिवस के इस प्रेमोत्सव पर कुछ लिखने का मन आया तो स्वभाविक रुप से उन माशुकाओं की याद आयी जिनके साथ पला-बढ़ा हूँ। वेलेंटाइन-दिवस...पूरे सप्ताह के अलग-अलग दिनों को अलग-अलग नामों और अलग-अलग ढ़ंग से मनाती एक पूरी पीढ़ी मुझे अचानक से प्रौढ़ हो जाने का अहसास दिलाती है...और इस अहसास से उदास हुआ मन धम्म से बैठ जाता है कुछ पुरानी यादों का पुलिंदा खोल कर। मन का वो आशिक-कोना, जो एक बचपने में ही जवान हो गया था और अब तलक जवानी की उस चौखट पर सर रगड़ रहा है, उसी पुलिंदे से निकालता है एक फ़ेहरिश्त अपनी चंद चिरयुवा प्रेमिकाओं की। नहीं, इस "प्रेमिका" शब्द से धोखा न खायें। ये पूर्णतया एकतरफा इश्क का मामला है।...मामला है? नहीं, "मामले हैं" कहना उचित होगा। आइये नजर दौड़ाइये मेरे साथ ही इस फ़ेहरिश्त पर कि जानता हूँ मैं कि मेरे जैसे जाने कितने ही जवान हुये वो बचपन वाले आशिकों की फौज ने किस-किस जतन से इस फ़ेहरिश्त को संभाले रखा है युगों-युगों से।

फ़ेहरिश्त की क्रमवार सूचि में भले ही ढ़ेरों दुविधायें हों, किंतु पहले स्थान पर निर्विवाद रूप से डायना थी, है और रहेगी- अनंत काल तक। हैंग ऑन! हैंग ऑन!! मैं प्रिंस चार्ल्स वाली राजकुमारी डायना
की बात नहीं कर रहा। मैं बात कर रहा हूँ डायना पामर की...अपने, हमसब के हीरो वेताल उर्फ फैंटम उर्फ चलते-फिरते प्रेत की प्रेयसी और पत्‍नि डायना की। वो पहली नजर का पहला प्यार वाला
किस्सा था डायना के संग। उधर वेताल को हुआ, इधर मुझे भी। इंद्रजाल कामिक्स के उन पन्नों में मंडराती किसी स्वप्न-सुंदरी सदृश ही डायना एकदम से दिन का चैन और रातों की निंदिया उड़ा ले गयी थी उन दिनों। ये उन दिनों की बात है, जब अपने फैंटेसी की मनमोहक दुनिया बसाया हुआ बचपन सहर्ष ही किट और हेलोइश जैसे प्यारे-प्यारे जुड़वां बेटे-बेटी का पिता कहलाने को तैयार था। हवा-महल के उन सुहाने दिनों में, बौने बंडारों के जहर बुझे तीरों के सुरक्षा-घेरे में, खोपड़ीनुमा गुफा की उन ठंढ़ी तलहटियों में, शेरा और तूफान के संग वाली सैरों में और वेताल के साथ-साथ ही मंडराती चुनौतियों के खिलाफ़ छेड़ी हुई जंगों में...खिलखिलाती मचलती हुई डायना...उफ़्फ़्फ़्फ़!!! ...और जब अपने मि० वाकर उर्फ चलते-फिरते प्रेत ने प्रणय-निवेदन किया था हमारी डायना से और फिर डायना का उस निवेदन को सहर्ष स्वीकारना...आहहा! कैसा माहौल था वो खुशनुमा!! मानो डायना ने हमारा प्रणय-निवेदन ही स्वीकारा हो प्रत्यक्षतः.... :-) शायद याद हो आपसब को कि शादी में सुदूर ज़नाडु से चलकर अपना प्यारा जादूगर खुद मैण्ड्रेक भी आया था समारोह में हिस्सा लेने।

...और मैण्ड्रेक के साथ ही याद आती है प्रिसेंज नारडानारडा के ही महल के बगीचे में मैण्ड्रेक का इजहार अपने प्यार का राजकुमारी नारडा के प्रति और फिर

नारडा का ज़नाडु में स्थानंतरित होना लोथार और मोटे बटलर का साथ देने, शायद इंद्रजाल कामिक्स की दुनिया का एक और शो-केस इवेंट था। इसी फ़ेहरिश्त में यूं तो बेला भी शामिल थी, लेकिन बीतते वक्त के साथ उसकी तस्वीर तनिक धुमिल हो गयी है। बहादुर की बेला। कहानी के प्लाट में तमाम विविधतायें होते हुये भी बेला का तनिक रफ और टफ व्यक्तित्व मुझे ज्यादा रास नहीं आता। कराटे में वैसे तो डायना भी ब्लैक-बेल्ट थी, लेकिन फिर भी उसकी नजाकत और उसके जिस्म का लोच एक अलग ही अफ़साना बयान करते थे।

फ़ेहरिश्त में आगे चंद और विदेशी नायिकाओं का आगमन होता है। यकीनन लुइस लेन मेरे लिये
डायना के समक्ष ठहरती है। डेली प्लानेट के सौम्य और मृदुभाषी रिपोर्टर क्लार्क केंट की दोस्त और प्रेयसी जब क्लार्क केंट को सुपरमैन के ऊपर तरजीह देती है, एक झटके में मेरा दिल ले जाती है। बात उन दिनों की है जब अचानक से इंद्रजाल कामिक्स का प्रकाशन बंद हो गया था और विदेश से आनेवाले मेरे एक रिश्तेदार ने मेरे कामिक्स-प्रेम को देखते हुये मेरे लिये चंद डीसी और मार्वल कामिक्स का पूरा सेट उपहार में लेकर आये थे। उन दिनों जब डायना दिखनी बंद हो गयी थी, लुइस लेन आयी थी एक बहुत ही मजबूत विकल्प बन कर। सुपरमैन की प्रेयसी किसी भी मामले में कहीं भी सुपरमैन से कम नही थी{है}। याद आता है मुझे क्लार्क कैंट और लुइस का विवाह और उन दिनों किसी कारणवश सुपरमैन अपनी सारी शक्तियाँ खो चुका था, तब तमाम विपदाओं से लड़ती हुई लुइस लेन ने अकेले ही क्लार्क कैंट को मुसिबतों से निकाला था। लुइस लेन और मेरा प्रेम-प्रसंग अभी जारी है कि हर महीने मेरे पास अभी भी डीसी कामिक्स से सुपरमैन के निकलने वाले तीन टाइटल्स लगातार आ रहे हैं।

...और इसी जारी प्रेम-प्रसंगों की एक सबसे प्रबल प्रतिभागी है मेरी जेन। जी हाँ, अपने नेक्स्ट डोर
नेबर पीटर पार्कर उर्फ स्पाइडर मैन की मेरी जेन । दि बोल्ड एंड सेन्सुअस मेरी जेन...उफ़्फ़्फ़! उन तमाम बनते-बिगड़ते रिश्तों की उलझनें, उन तमाम विलेनों के संग की उठा-पटक, उन तमाम रातों की चिंतित करवटें जब पीटर अपने स्पाईडी अवतार में दुश्मनों की बैंड बजा रहा होता है...मैंने मेरी जेन का साथ निभाया है। इस लिहाज से मैं कई बार चक्कर में भी पड़ जाता हूँ। चक्कर में कि मेरी जेन या डायना पामर...?? मेरी या डायना...??? और इस चक्कर में डायना का पलड़ा भारी करने हेतु मैं कभी इंटरनेट पे तो कभी कबाड़ियों और पुराने दुकानों के गर्द पड़ चुके कोनों में फैंटम कामिक्सों को तलाशते रहता हूँ। इंद्रजाल कामिक्स के लुप्तप्राय हो जाने के बावजूद अब भी जुड़ा हुआ हूँ येन-केन-प्रकारेन फैंटम की दुनिया से...तो डायना का पलड़ा हमेशा भारी ही रहता है।

इसी फेहरिश्त में कहीं पर सेलिना भी है। सेलिना....कैट वोमेन...बैटमेन की प्रेमिका। वैसे शायद प्रेमिका कहना अनुचित होगा। क्योंकि सेलिना का अपराधिक-चरित्र और बैटमैन का अपराध को समूल नाश करने का लिया गया वचन इस प्रसंग को आगे बढ़ने से रोकता है। किंतु अपने अल्टर-इगो में ब्रुस वेन कही-न-कहीं सेलिना के प्रति झुकाव तो महसूस करता ही है और उसी झुकाव की वजह से हम बैटमैन के चाहनेवाले भी दिलोजान से कामना करते रहते हैं कि ये खूबसूरत सेलिना छोड़ क्यों नहीं देता है चोरी-चकारी।

...और यहाँ से फेहरिश्त वापस मुड़ती फिर से होम-ग्राउंड की ओर।
ध्रुव की सहचरी कमांडर नताशा हो या फिर नागराज की प्रेयसी विसर्पी हो या
हो अपने डोगा की संगिनी सोनु उर्फ मोनिका । कुछ और नाम भी जुड़ते चले
जा रहे हैं, लेकिन पोस्ट तनिक लंबी होती जा रही है। ...तो फेहरिश्त की अगली किश्त फिर कभी फुरसत में जब अगली
बारआता हूँ पोस्ट लिखने। तब तक के लिये मेरे ही जैसे आपसब तमाम आशिकों को सलाम...!

.....

16 comments:

  1. मेजर गौतमं साब आपका बहुत बहुत शुक्रिया -इतने दिनों से जो मैं समझ नहीं पा रहा था
    आपकी इस पोस्ट ने इक झटके से झट से समझा दिया -मेरी भी पहली प्यार डायना ही थी ..
    कामिक्स पढ़ते हुए बार बार बजरिये फैंटम उसका सानिध्य पाने को मन मचलता रहता था
    वह प्रतिनिधि थी अल्हढ अनगढ़ प्रेम और फैंटम सरीखे बलिष्ठ पुरुष की अंक शायिनी.की .हम क्या किसी ही मैं से कम थे उन दिनों (और आज भी! )
    कितनी मधुर मधुर स्मृतियाँ जगा दीं आपने आज इस प्रेम दिवस पर -
    और हाँ नारडा का नम्बर दूसरा ही था ऊ कराटे जो जानती थी और जादूगर मियां के प्रेम में वह कसाव भी
    भी कहाँ था ?
    फिर उन दिनों इक निष्ठी प्रेम का जज्बा था-इक मन ही तो था उन दिनों जो डायना में लग गया था फिर नारदा की ओर
    कहाँ झुकाव हो पाता और मंद्रेक तथा नारडा का प्रेम न जाने क्यूं बनावटी लगता था ...
    और भी तो कईं आगे आयी थीं मेजर बलवंत की सोनिया भी ...मगर तब तक तो वह रूमानी महल ध्वस्त होने लग गया था
    कहाँ की बात छेड़ दी आपने आज ....मन भारी हो गया -अब क्या करून ? आप भी .....आज के ही दिन छेडना था यह सब साब!
    रहम नहीं आयी -अभी अपने उन्मुक्त साब भी आते होंगे -उन्हें भी इस संसार ने डुबाया था खुद में
    आज की आपकी इस पोस्ट पर बलि जाऊं !
    अरे कोई है नोटिस लेने वाला -इसे प्रिंट मीडिया में भी छापो भैया ...मेरे जैसे और कई लोगों का भला हो जो आभासी संसार में नहीं आ पाए .....
    सलाम इस पोस्ट के लिए! असली दाना दिख गया आज .....आपमें जिसकी तलाश थी .....

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  2. हम क्या किसी ही मैंन से कम थे उन दिनों (और आज भी! )

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  3. wahhh gautam bhai gazab ki romantic post hai...mera haal bhi kuchh kuchh aapsa hi hai, dil Louis Lane par bhi aaya Aur Narda par bhi...Par pramukh daavedaar Mary Jane, Swargiya Gwen Stacy Aur Miss Palmer, yane Mrs.Walker hi rahin...Gwen ke Swargwas ke baad to ye duvidha zyada badh gayi...Kyonki Do Bachche Hone Ke Bawjood Diana ne jis tarah khud ko maintain kiya hai bhai kya kehne uske...Diana ki rough and tough image ke bawajood usmein jo naari sulabh sunderta hai ek deadly combination hai...Par Mary Jane ki Girl Next Door image, uske khoobsurat Laal Baal, Gaalon par padte dimples aur zabardast attitude (all credit goes to Stan The Man Lee & John Romita Sr. for that) Usko dil ke kahin zyada kareeb le aata hai...Diana jahaan samajhdaar hai MJ ek Junglee Billy Hai, jo saamne reh kar bhi haath nahin aayegi...Ab aap samjhe Don ko Junglee Billiyaan Kyon Pasand Thi?? To Mera vote to MJ aur uske laal-laal baalon ko hi jaata hai... Jo haath aa kar bhi haath na lage aisi khoobsurat balaon ka peechha karne ka anand hum sabne apne college ke dinon mein kiya hi hoga...
    Catwoman aur Batman ka romance waise sahi mamlon mein aage badh chuka hai, 2004 mein aayi Hush series mein jab Jeph Loeb ne kahani ko ek mod diya aur Batman ne usey apna asli chehra dikhaya aur Jim Lee Ke sadhe huye haathon ne draw kiya wo maadak chumban!

    http://wapedia.mobi/en/File:Batcat.JPG

    Waise kuchh dabe chheepe romantic kisse bhi hain Wonder Woman ke Superman ke saath Aur Batman Ke Wonderwoman ke saath...ek anokha sa love triangle...Par Jaisa Ki Maine Kaha Dil Humara Ab Bhi Dhadakta Hai Mary Jane Ke Liye! Diana Pehla Pyaar Thi Aur Rahegi...

    Zyada likha to ye comment khud ek post si nazar aane lagegi...so yahin khud ko rok kar aapko badhaiyan deta hoon is lajawaab post ke liye!

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  4. Waise Betty Aur Veronica Ke Baare Mein Kya Khayal hai...???Archie na padhi hoti to bachpan mein hi dating ka goodh tatparya samajhna humare baal-man ke liye asambhav hota!

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  5. यार गौतम अजीब सी सनसनी दौड़ गयी । भोपाल की गलियों वाले वो दिन जब कॉमिक्‍स की अदला-बदली करते हुए हम छतों, सीढियों, बरामदों पर चार चार पांच पांच के झुंड में सारी दोपहर कॉमिक्‍स-मय रहते थे । कोई भी एनीमेशन हमारी कल्‍पनाओं की बराबरी नहीं कर सकता । तुम्‍हारी/हमारी इन प्रेमिकाओं को हैपी वैलेन्‍टाइन डे ।

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  6. और, प्यारी ब्लॉडी को क्यों भूल गए? :)

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  7. वाह इतने दीवाने ! वल्लाह...
    बहुत अच्छा लगा पढ़कर

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  8. इस पर एक पोस्ट तो मेरी तरफ से भी बनता है.. आखिर अपनी पहली प्रेमिका के बारे में जो बताना है.. पहली फुरसत मिलते ही यही पहला काम रहेगा. :)

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  9. bhagwan jhoot na bulaye.. phantom se panga lene ki to kabhi nahi sochi per jab bhi wo Diana ke sath hotha tha kalege me aaj lag jati thi.

    next in my list was Natasha ..

    kuldeep

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  10. श्रम से बचने के लिए अन्यत्र की गयी टिप्पणी ही चेप रहा हूँ -
    मेजर गौतमं साब आपका बहुत बहुत शुक्रिया -इतने दिनों से जो मैं समझ नहीं पा रहा था
    आपकी इस पोस्ट ने इक झटके से झट से समझा दिया -मेरी भी पहली प्यार डायना ही थी ..
    कामिक्स पढ़ते हुए बार बार बजरिये फैंटम उसका सानिध्य पाने को मन मचलता रहता था
    वह प्रतिनिधि थी अल्हढ अनगढ़ प्रेम और फैंटम सरीखे बलिष्ठ पुरुष की अंक शायिनी.की .हम भी क्या किसी "ही मैंन" से कम थे उन दिनों (और आज भी! )
    कितनी मधुर मधुर स्मृतियाँ जगा दीं आपने आज इस प्रेम दिवस पर -
    और हाँ नारडा का नम्बर दूसरा ही था ऊ कराटे जो जानती थी और जादूगर मियां के प्रेम में वह कसाव भी
    भी कहाँ था ?
    फिर उन दिनों इक निष्ठी प्रेम का जज्बा था-इक मन ही तो था उन दिनों जो डायना में लग गया था फिर नारदा की ओर
    कहाँ झुकाव हो पाता और मंद्रेक तथा नारडा का प्रेम न जाने क्यूं बनावटी लगता था ...
    और भी तो कईं आगे आयी थीं मेजर बलवंत की सोनिया भी ...मगर तब तक तो वह रूमानी महल ध्वस्त होने लग गया था
    कहाँ की बात छेड़ दी आपने आज ....मन भारी हो गया -अब क्या करून ? आप भी .....आज के ही दिन छेडना था यह सब साब!
    रहम नहीं आयी -अभी अपने उन्मुक्त साब भी आते होंगे -उन्हें भी इस संसार ने डुबाया था खुद में
    आज की आपकी इस पोस्ट पर बलि जाऊं !
    अरे कोई है नोटिस लेने वाला -इसे प्रिंट मीडिया में भी छापो भैया ...मेरे जैसे और कई लोगों का भला हो जो आभासी संसार में नहीं आ पाए .....
    सलाम इस पोस्ट के लिए! असली दाना दिख गया आज .....आपमें जिसकी तलाश थी .....

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  11. बहुत ही उम्दा पोस्ट गौतम जी.पढ़कर आपके और दुसरे कॉमिक-शैदाइयों के दिल की उस कैफ़ियत का अंदाज़ा हुआ जब ये लोग उस दौर में इन कॉमिक्स से रूबरू हुआ करते थे.मैं खुद भी वेताल और मैन्ड्रेक का ज़बरदस्त शैदाई हुआ करता था(आज भी हूँ) पर कमाल की बात ये रही की इनकी महबूबाओं के लिए जाने क्यों दिल में कभी ऐसे-वैसा ख्याल नहीं आये!!शायद इसके पीछे वेताल/मैन्ड्रेक के लिए ज़बरदस्त इज्ज़त वजह रही होगी.वेताल/मैन्ड्रेक हमेशा से मेरे लिए एक सम्मानीय पात्र रहे हैं और आज भी है.
    बाद में आर्ची की बेट्टी और वेरोनिका के मुताल्लिक ख्यालात ज़रूर अलग रहे,पर इसकी वजह बहुत हद तक इन चरित्रों का पहनावा और स्वछंद तौर-तरीके थे.किसी को "आक्सा" की याद है!!ये वो पहला चरित्र था जो खून में गर्मी लाता था.

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  12. हम तो सुपर कमाण्डो ध्रुव की बहन श्वेता (यही नाम था न?) पर मरते थे। ऐसा असर हुआ कि अब की किसी श्वेता नामक कन्या से बात करते हुये डायलाग याद आता है:

    वार हो चुका है यार, दिल में ब्लीडिंग हो रही है, ये मिल जाये तो मैं सुधर जाऊँ यार कसम से....;)

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  13. Bahut hi unda post. Padhte hue, has has kar lot pot ho gaya. :)
    Aapko phantom sirjee ka darr nahin tha kya? :)
    Waise फ़ेहरिश्त ka matlab kya hain?

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  14. फेहरिश्त का मतलब "List" होता है दोस्त.. :)

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  15. बचपन की यादें ताजी ह गयीं।

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  16. सबसे जबरदस्त मुझे ध्रुव और ब्लैक कैट की लगी..

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