Monday, July 5, 2010

रे संजय ताऊ! इधर भी देख लो! (Haryanvi Flavor)


भारतीय कॉमिक्स के सिमटते संसार से दुखी एक हरियाणा निवासी कॉमिक प्रशंषक की भारतीय कॉमिक्स के इक्का दुक्का बचे स्तंभों मे से एक राज कॉमिक्स के प्रमुख श्री संजय गुप्ता जी से काल्पनिक फ़रियाद. भाषा का मकसद किसी को आहत करना नहीं बल्कि सिर्फ मनोरंजन करना है.



"भई, म्हारा नाम जाट मोहित से! सब लोगन को म्हारा प्रणाम. मन्ने राज कॉमिक्स बड़ी चोखी लागये से. सारा गाँव दीदे काढ़े करे मारे पे फिर भी यो राज कॉमिक्स ना छोड़ के दी गयी. सारे कहवें की अच्छे चंगे जाट को तो कॉमिक्स ने खा गेरा. छोरियां कहवें से से की घना चीकना छोरा किंगे को डल्ले मार रिया है. पर मै अख्यन्न मे पंजे डाल के किसी की ना सुनु.....बस घनी बिमला सी विसर्पी के सपने बुनू सु. सब से कहूँ के घने दीदे मत ना काढो मै कौन सा पानी को पापा कह रिया हूँ....म्हारा तो यो ही फंडा है के "राज कॉमिक्स से म्हारा जनून".

इब बस संजय ताऊ से यो ही बिनती से के राज कॉमिक्स मे हरयाणवी बोली भी संग नु कल लो. यहाँ घने पंखे बैठे है संजय ताऊ जी और वा की कॉमिक्स के. रे अगर हरयाणवी मे राज कॉमिक्स आ जावे तो म्हारा तो घी सा गल जावे. और सारे ताऊ जियो को लग रिया हो के यो हरयाणवी मे छापने से चिडिया ना उड़न वाली तो झाग मत ना बिलोवो बस इतना सुन लो के थारी हिंदी कॉमिक्स मे थोडा 'हरयाणवी Flavor' भी पेल दिया करियो. इतता तो ढेडे के बीज भी कल लेंगे. मै किसी भासा का नास का ना फोड़ रहा मै तो यो ही चाहूँ के बंगाली, भोजपुरी, गुजराती, सिन्धी, तमिल, उर्दू, और निरे भारत की भासाओ का फ्लेवर राज कॉमिक्स अपनी कॉमिक्स मे देती रहवये. केवल "साडा की होऊ...., etc" की पीपणी ना बजाती फिरे. अच्छा तो जी.....अब इस blog पर ज्यादा थूक के पकोडे मत ना तारो.

नमस्कार!!"

4 comments:

  1. आपकी फ़रियाद में मैं भी आपके साथ हूं.

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  2. भाई सही बात कही तन्नै
    "साडा की होऊ...., etc" के अलावा भी दूसरी भाषाओं में कॉमिक्स नहीं तो कम से कम डॉयलाग तो जरूर डालने चाहियें। आशा है संजय गुप्ता जी थारी जरूर सुणेंगें।
    हरियाणवी में कॉमिक्स आग्यी तो जीईईईIईIईईईईईईईईईईईईईस्स्स्स्स्सा आ ज्यागा।

    राम-राम

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