राजस्थानी लोककथाओं में विविधता है, रोचकता है.. ना जाने कब से कही सुनी जाती रही है, कही सुनी जाती रहेंगी.. लोक कथायें कुछ बड़ी होती है कुछ छोटी.. जैसे यह छोटी लोककथा.. एक गुणे चार..
बचपन की याद ताज़ा कर दी आपने। I used to own this comic as a kid but lost it. while searching for it i came across your blog. Great job! could you please upload the entire comic it would mean a lot. thanks in advance :-)
मोहित जी, पूरी कामिक्स यहाँ पिक्चर इमेज के रूप में है. आप या तो यहीं पढ़ लीजिये या फिर इसे सेव कर लीजिये. और अगर आप इसका ई-कामिक्स ही चाहते हैं तो कृपया बता दें, मैं उपलोड कर देता हूँ.
अरे वाह मजा आ गया.
ReplyDeletebahut badhiya...maza aaya.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद इसे पसंद करने के लिये.. अगले अंक में शैलबाला के कुछ कारनामे लेकर आऊंगा मैं.. :)
ReplyDeleteभाई जी मेने यहां से नही ली, पर आप की यह कहानी भी अच्छी है,
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत मजेदार ! अगली की प्रतीक्षा है ! शुभकामनाएं !
ReplyDeleteHo!! yeh Comic tumne Bal Hans Se le hai. meri bachpan ke yaad taaza ho gain.
ReplyDeletevery very THANKS
Usman Ali Khan
Usman.max@gmail.com
वाह PD मजा आ गया, आज ये कामिक्स मैंने अपने बेटे को पढ़कर सुनाई तो उसे भी पता चल गया कि "संगठन में शक्ति है"।
ReplyDeleteShailbala ka kya hua?
ReplyDeleteभूल ही गया था दोस्त. लाता हूँ, एक-दो हफ्ते का समय दिया जाए. :)
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Deleteबचपन की याद ताज़ा कर दी आपने। I used to own this comic as a kid but lost it. while searching for it i came across your blog. Great job! could you please upload the entire comic it would mean a lot. thanks in advance :-)
Deletehow to download
ReplyDeletehow to download
ReplyDeleteमोहित जी, पूरी कामिक्स यहाँ पिक्चर इमेज के रूप में है. आप या तो यहीं पढ़ लीजिये या फिर इसे सेव कर लीजिये. और अगर आप इसका ई-कामिक्स ही चाहते हैं तो कृपया बता दें, मैं उपलोड कर देता हूँ.
Deleteअजी साहब, बालहंस की जितनी भी copies है सब की सब scan करके upload कर दीजिये फटाफट।
ReplyDeleteधन्यवाद