सबसे पहले गुरू देव के सम्मान में उनकी कुछ कविताऐं -
एक डाल से तू है लटका,
दूजे पे मैं बैठ गया..
तू चमगादड़ मैं हूं उल्लू,
गायें कोई गीत नया..
घाट-घाट का पानी पीकर,
ऐसा हुआ खराब गला//
जियो हजारों साल कहा पर,
जियो शाम तक ही निकला..
ये कवि आहत कैसे लगे मुझे जरूर बताईयेगा.. मैं ना जाने कितनी ही बार बालहंस की प्रतिक्षा बस कवि आहत को पढने के लिये करता था.. अनंत कुशवाहा जी द्वारा संपादित ये कविताऐं बेहद जबरदस्त हुआ करती थी.. मैं समय समय पर इनकी कार्टून स्ट्रीप आपलोगों के सामने लाता रहूंगा.. :)
अरे वाह.. ये तो बालहंस वाले कवि आहत लगते है.. ये तो हमारे भी गुरु है.. इन्होने हमे भी एक कविता सुनाई थी..
ReplyDelete"ऊँट लेता ना इस करवट ना उस करवट
हम ही करवट बदलके रेगिस्तान हो गये"
कितने ही कवि हुए आहत। पढ़कर अच्छा लगा।
ReplyDeleteभाई वह "कवि आहत" सचमुच गजब के है
ReplyDeleteबहुत बालहँस पढी थी.. लाजबाब थी.. बहुत मजा आता था..
ReplyDeleteऔर हाँ.. ठोलाराम याद है न?
बहुत आभार मित्र, जो गुरु जी के दर्शन सुबह सुबह करवाये दिये, जय हो!! अब आपके पास आये हैं गुरु जी तो बिना कुछ सीखे मत छोड़ना. :)
ReplyDeleteha ha ha . bahut badhiya.
ReplyDeleteभई ये तो बहुत ही अलग हैं आगे भी जारी रखने के लिए धन्यवाद
ReplyDeletehaa haa haa..
ReplyDeletemaja aa gayaa..
jaree rakhe.
घाट-घाट का पानी पीकर,
ReplyDeleteमेरे आगे आया था
उस को अंदेशा था कि
मैं ही बस सच्चा निकला
ऐसा भी होता है !!
aapne to bachpan ki duniya me pahucha diya.
ReplyDeleteबालहंस और कवी आहत :) :) आज भी पुराने अंक की तलाश ने रहता हूँ
ReplyDeleteMai bhi bachpan se he inka bhot bda fan rha hu
ReplyDeleteMai bhi bachpan se he inka bhot bda fan rha hu
ReplyDeleteभाई। क्या बात है, और अगर हो तो अपलोड करना। बचपन याद आ गया।
ReplyDeleteटाँग वो टाँग एक टाँग के साथ चली गई।
ReplyDeleteहम पड़े धूल में गुबार देखते रहे।।
नेता ने प्यासों के लिए खुशी की खबर दी।
ReplyDeleteकाग़ज़ में कुएँ खोद वे पानी तलाशते हैं।।
He chitkabri Kali Bakri, kiski marzi bhu pe utri
ReplyDeleteचने की झाड़ पर चढ़कर, सलोनी भैंस यूं बोली,
ReplyDeleteसहेली, इस बरस झूले इसी टहनी पे डालेंगी ।
Kya Balhans ab band ho gayi hain? Agar mujhe subscribe karna ho to kaha sampark kiya jaye?
ReplyDeleteशाख शाख पे उल्लू बैठा, डाली डाली बंदर लटके
ReplyDeleteतू काहे को डरता मनवा, रास्ता चलता जा बेखटके 😂😜