सच कहूं तो वेताल मेरे जमाने का कामिक हीरो नहीं था.. मगर फिर भी मैंने जितनी कामिक इसकी पढी है वो उस जमाने के भी कई लोग नहीं पढे होंगे.. आभार जाता है मेरी मम्मी के मौसेरे भाईयों को जो चक्रधरपुर में रहते हैं.. चक्रधरपुर झारखंड में स्थित एक अनुमंडल है और छोटा सा शहर भी.. सन् 1992 में पापाजी का तबादला वहां हो गया था.. उस समय बिहार-झारखंड अलग नहीं हुआ था..
मैं कक्षा सात में पढता था.. मेरे विद्यालय से नानी का घर बस 100-200 मीटर की दूरी पर था.. जैसे ही विद्यालय बंद होता था, मैं बस छू मंतर.. निकल भागता था नानी के घर.. दो कारण होते थे.. एक नानी का प्यार और दूसरा वेताल की कामिक्स.. नहीं भी तो कम से कम 400-500 कामिक्स होता था वहां, और मैं बस कामिक्स का बक्सा खोल कर वहां से चूहों द्वारा कुतरे हुये ढेरों कामिक्स पढना चालू..
वेताल के अलावा वहां मुझे मैंड्रेक, ग्रीन एरो, सुपर मैन, बैटमैन, बहादुर और भी ढेरों कामिक्स पढने को मिल जाया करता था.. शायद पापाजी का तबादला वहां नहीं हुआ होता तो मैं इन सारे कामिक कैरेक्टर को पहचानता भी ना होता.. इनका दिवाना होने की बात तो बहुत दूर है..
फिलहाल तो आप सभी इस कामिक्स का आनंद उठायें :)..
Download Link : क्रुद्ध वेताल
Vetaal ki purani comics ke cover pehle Govind Brahmaniya ya Shehab Sahab banaya karte the. Kruddh Vetaal ka cover Shehab ji ka hai- unke solid blacks alag hi nazar aate hain...thanks for posting the comic PD
ReplyDeleteइस उम्र में कॉमिक्स थमाते हो...! माना कमजोरी है मगर... :)
ReplyDeleteधन्यवाद! :)
ReplyDelete@ पीडी जी: कॉमिक्स ब्लॉगिंग का एक अलिखित मोरल/एथिकल कोड है कि आप जब भी किसी और ब्लॉग से उठाकर कोई कॉमिक अपने ब्लॉग पर डालें तो स्केनर का, और यदि वह पता ना हो तो ओरिजिनल सोर्स का नाम-पता जरूर बताएं.
ReplyDeleteएक पूरे कॉमिक को स्केन करना, फ़िर किसी फोटो सॉफ्टवेयर में सुधारना और उसके बाद ब्लॉग पर चढाना एक श्रमसाध्य और बेहद समय खपाऊ काम है. आज हम इन पुराने नगीनों को अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर निहारने में सक्षम हुए हैं तो उसके पीछे कुछ इंसानों की दिन रात की मेहनत है. कम से कम उनके नाम का जिक्र करके इस मुश्किल काम का सही क्रेडिट तो उन्हें दिया ही जाना चाहिए.
बाकी जमाये रखिये.